कैसे बने IPS | IPS अधिकारी कैसे बने

कैसे बने IPS | IPS अधिकारी कैसे बने  

IPS बनने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है 

आईपीएस (Indian Police Service) बनने का सपना लाखों युवाओं का होता है। यह एक चुनौतीपूर्ण और जिम्मेदारी भरा करियर है जिसमें व्यक्ति देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने का कार्य करता है। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी का काम अपराधों की जांच, अपराधियों की गिरफ्तारी, कानून व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है। इसके लिए केवल मेहनत, अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है बल्कि इस सफर में कई कड़े चयन प्रक्रियाओं और प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि आईपीएस अधिकारी बनने के लिए आपको क्या-क्या करना पड़ता है, इसकी तैयारी कैसे करें, और इस करियर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ।

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1. आईपीएस का परिचय

भारतीय पुलिस सेवा (IPS) भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (All India Services) में से एक है, जो भारत के संघीय ढांचे के तहत पुलिस और सुरक्षा प्रबंधन से संबंधित है। आईपीएस का गठन 1948 में किया गया था, और इसके अंतर्गत पुलिस, खुफिया एजेंसी, सीबीआई (Central Bureau of Investigation), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) जैसे विभाग आते हैं। आईपीएस अधिकारी का कर्तव्य देश की कानून व्यवस्था बनाए रखना, अपराधियों को पकड़ना और देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाना होता है।

2. आईपीएस बनने के लिए शैक्षिक योग्यता

आईपीएस बनने के लिए आपको निम्नलिखित शैक्षिक योग्यताओं को पूरा करना होता है:

  • स्नातक की डिग्री: आईपीएस बनने के लिए उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री होना अनिवार्य है। चाहे आप किसी भी स्ट्रीम (विज्ञान, कला, वाणिज्य) से स्नातक कर रहे हों, आप यूपीएससी (Union Public Service Commission) की सिविल सेवा परीक्षा के लिए पात्र हैं।
  • आयु सीमा: सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष होती है। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उम्मीदवारों को 3 वर्ष की छूट और अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) के उम्मीदवारों को 5 वर्ष की छूट मिलती है।

3. आईपीएस के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा

आईपीएस बनने का सबसे महत्वपूर्ण चरण यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (CSE) है। यह परीक्षा भारत की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। यह तीन चरणों में होती है:

3.1 प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)

यह परीक्षा दो पेपर्स में होती है, जो कि वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रकार की होती है।

  • पेपर 1 (सामान्य अध्ययन): इसमें भारतीय इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, राजनीति, पर्यावरण, विज्ञान आदि विषयों से प्रश्न होते हैं।
  • पेपर 2 (CSAT - Civil Services Aptitude Test): इसमें अंग्रेजी, तार्किक योग्यता, गणितीय तर्क और संचार कौशल जैसे विषय शामिल होते हैं।

3.2 मुख्य परीक्षा (Mains Exam)

मुख्य परीक्षा में 9 पेपर्स होते हैं, जिनमें से 7 की गिनती मेरिट में होती है और 2 भाषा के पेपर होते हैं जो क्वालिफाइंग होते हैं। इसमें उम्मीदवारों से विस्तृत उत्तर लिखने की उम्मीद की जाती है। इसमें निम्नलिखित पेपर्स होते हैं:

  • निबंध: किसी एक विषय पर निबंध लिखना होता है।
  • सामान्य अध्ययन (4 पेपर्स): इसमें इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाजशास्त्र, पर्यावरण, विज्ञान आदि से प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • वैकल्पिक विषय (2 पेपर्स): उम्मीदवार अपनी पसंद का कोई एक वैकल्पिक विषय चुन सकते हैं।
  • भाषा पेपर्स: भारतीय भाषा और अंग्रेजी के 2 पेपर्स होते हैं, जिनमें उम्मीदवारों को केवल क्वालिफाई करना होता है।

3.3 साक्षात्कार (Interview)

मुख्य परीक्षा में सफल होने के बाद उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। साक्षात्कार के दौरान उम्मीदवारों की मानसिक योग्यता, सामाजिक मुद्दों पर दृष्टिकोण, तर्कशक्ति, व्यक्तित्व और व्यवहारिक कौशल की परख की जाती है। इस चरण में उम्मीदवार से विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रश्न पूछे जाते हैं।

4. आईपीएस के लिए शारीरिक मानदंड

आईपीएस बनने के लिए शारीरिक फिटनेस भी आवश्यक है। इसके लिए यूपीएससी द्वारा निर्धारित कुछ शारीरिक मापदंड होते हैं:

  • पुरुषों के लिए: न्यूनतम ऊँचाई 165 सेमी (आरक्षित वर्ग के लिए 160 सेमी)।
  • महिलाओं के लिए: न्यूनतम ऊँचाई 150 सेमी (आरक्षित वर्ग के लिए 145 सेमी)।
  • दृष्टि क्षमता: उम्मीदवार की दृष्टि 6/6 या 6/9 होनी चाहिए। यदि उम्मीदवार चश्मा पहनता है, तो भी उसकी दृष्टि 6/12 या 6/9 होनी चाहिए।

5. आईपीएस बनने के लिए तैयारी कैसे करें

आईपीएस बनने की तैयारी के लिए एक सुनियोजित रणनीति की आवश्यकता होती है। तैयारी करते समय निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए:

5.1 समय प्रबंधन

आईपीएस बनने के लिए पढ़ाई में समय का प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण होता है। हर विषय के लिए नियमित समय देना और अपने दिनचर्या को अनुशासित रखना जरूरी है।

5.2 सामान्य अध्ययन की तैयारी

सिविल सेवा परीक्षा के सामान्य अध्ययन पेपर में इतिहास, राजनीति, अर्थव्यवस्था, भूगोल, पर्यावरण जैसे विभिन्न विषयों से प्रश्न आते हैं। इन विषयों की गहराई से समझ होनी चाहिए और उम्मीदवार को समसामयिक घटनाओं (Current Affairs) से भी अपडेट रहना चाहिए।

5.3 अखबार और पत्रिकाओं का अध्ययन

अखबार पढ़ना सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ‘द हिंदू’ या ‘इंडियन एक्सप्रेस’ जैसे प्रतिष्ठित अखबार पढ़ना और सरकारी योजनाओं, नीतियों, घटनाओं की जानकारी रखना आवश्यक है। इसके साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी पत्रिकाओं जैसे ‘योजना’, ‘कुरुक्षेत्र’, ‘मनोहर पत्रिका’ आदि का अध्ययन भी जरूरी है।

5.4 ऑप्शनल सब्जेक्ट की तैयारी

सिविल सेवा परीक्षा के लिए एक वैकल्पिक विषय का चुनाव करना पड़ता है। इस विषय को चुनते समय अपनी रुचि और उसकी पढ़ाई की सामग्री की उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए।

5.5 मॉक टेस्ट और पिछले साल के प्रश्नपत्र

पिछले साल के प्रश्नपत्रों का अध्ययन और मॉक टेस्ट देना बहुत ही फायदेमंद होता है। इससे परीक्षा पैटर्न का अंदाजा होता है और अपनी तैयारी की स्थिति का पता चलता है।

6. आईपीएस ट्रेनिंग (Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy)

आईपीएस अधिकारी बनने के बाद उम्मीदवारों को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (Hyderabad) में प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण लगभग 2 वर्ष का होता है और इसमें शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक रूप से तैयार किया जाता है।

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